
भारत में उठ रही आलोचनाओं, और ख़ासतौर पर उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस से मिल रही टिप्पणियों के बीच, सांसद शशि थरूर ने साफ़ कहा है कि यह समय इन बातों में उलझने का नहीं है, बल्कि भारत की ओर से चल रहे “एंटी-टेरर” अभियान पर फोकस करने का है।
थरूर इस समय एक ऑल-पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए अमेरिका महाद्वीप के दौरे पर हैं। पनामा, गुयाना और कोलंबिया की यात्रा के बाद अब यह प्रतिनिधिमंडल ब्राज़ील पहुंच चुका है। उनका मक़सद है दुनिया को यह संदेश देना कि भारत आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है।
जब उनसे भारत में चल रही आलोचनाओं — और कांग्रेस पार्टी के भीतर से आ रही नाराज़गी — के बारे में पूछा गया, तो थरूर ने बहुत साफ़ शब्दों में कहा:
“लोकतंत्र में आलोचना स्वाभाविक है। लेकिन अभी हमारा फोकस इस काम पर है। जब हम भारत लौटेंगे, तब अपने साथियों, आलोचकों और मीडिया से खुलकर बात करेंगे। अभी हमारा मिशन ज्यादा अहम है।”
कांग्रेस के भीतर असहमति
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा शशि थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाए जाने पर नाराज़गी जताई थी। पार्टी का कहना था कि सरकार ने इस अभियान के लिए जो नाम भेजे गए थे, उन्हें नजरअंदाज़ कर दिया गया।
इसी सिलसिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक विवादास्पद बयान भी दिया था:
“हमारे सांसद घूम रहे हैं, और आतंकवादी भी घूम रहे हैं।”
इस बयान की तीखी आलोचना हुई। बीजेपी नेता शहज़ाद पूनावाला ने इसे “शर्मनाक और निंदनीय” बताया और संसद की प्रिविलेज कमेटी से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
“यह बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि देश के लिए अपमानजनक भी है,” पूनावाला ने कहा।
आगे क्या?
ब्राज़ील की यात्रा पूरी करने के बाद, यह ऑल-पार्टी प्रतिनिधिमंडल अमेरिका की ओर रवाना होगा, जहां भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को और अधिक देशों तक पहुंचाया जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ़ है — अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को मज़बूत करने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन देश के भीतर राजनीतिक टकराव और बयानबाज़ी की गर्मी भी कम नहीं हो रही।