गुजरात के अहमदाबाद में हुए दर्दनाक एयर इंडिया विमान हादसे में जहां 241 लोगों की जान चली गई, वहीं एक 45 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक, विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच गए। यह घटना न सिर्फ़ दिल दहला देने वाली है, बल्कि एक इंसान की अविश्वसनीय जिजीविषा की मिसाल भी बन गई है।
सीट 11A: संयोग या सुरक्षा का भाग्य?

विश्वास कुमार, जो कुछ दिनों के लिए भारत में अपने परिवार से मिलने आए थे, यूके वापसी के दौरान अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ विमान में सवार थे। हादसे के समय वह सीट नंबर 11A पर बैठे थे, जो कि विमान के आपातकालीन निकास द्वार (Emergency Exit) के पास थी।
उनकी यही सीट उनकी जान बचाने की सबसे बड़ी वजह बनी। विमान जैसे ही उड़ान भरने के बाद मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, चारों ओर अफरातफरी मच गई। लेकिन 11A सीट की लोकेशन ने उन्हें बाहर निकलने का मौका दिया, जबकि बाकी सभी यात्री और क्रू सदस्य इस भीषण दुर्घटना में जान गंवा बैठे।
“मैं भी मरने वाला था… पर आंख खुली तो ज़िंदा था”
DD न्यूज़ से बातचीत में विश्वास कुमार ने कहा,
“एक पल को लगा जैसे सब कुछ खत्म हो गया है। लगा मैं भी अब नहीं बचूंगा। लेकिन जब होश आया और इधर-उधर देखा, तो महसूस हुआ कि मैं ज़िंदा हूं। आज भी यकीन नहीं होता कि मैं कैसे बच गया।”
हादसे में कुल कितने लोग थे?
एयर इंडिया की इस फ्लाइट में कुल 241 लोग सवार थे, जिनमें:
- 169 भारतीय नागरिक
- 53 ब्रिटिश नागरिक
- 1 कनाडाई नागरिक
- 7 पुर्तगाली नागरिक
- और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे।
यह फ्लाइट अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद कुछ ही समय में क्रैश हो गई।
निष्कर्ष
विश्वास कुमार रमेश की यह कहानी सिर्फ़ एक चमत्कार नहीं, बल्कि हमें यह भी याद दिलाती है कि सुरक्षा व्यवस्था और सीट की लोकेशन कितनी अहम हो सकती है। ऐसे हादसों से न सिर्फ़ दुख होता है, बल्कि यह भी सीख मिलती है कि जीवन कितना अनमोल और अनिश्चित है।